यह भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जिन्हें बाधाओं को दूर करने वाला और समृद्धि का दाता माना जाता है।
इसका महत्त्व छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में बढ़ा।जिसे बाल गंगाधर तिलक ने सार्वजनिक उत्सव का रूप दिया।
गणेश चतुर्थी का ऐतिहासिक महत्व
गणेश चतुर्थी के दौरान,भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना होती है।भगवान को मोदक, फल और फूल अर्पित करते हैं।
पूजा और अनुष्ठान
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी सबसे भव्य रूप से मनाई जाती है। विशेष रूप से मुंबई और पुणे में बड़े-बड़े पंडालों में भगवान गणेश की विशाल मूर्तियाँ स्थापित की जाती हैं।
महाराष्ट्र में उत्सव
विसर्जन का महत्त्व
10वें दिन, अनंत चतुर्दशी पर, भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है, जो देवता की कैलाश पर्वत पर वापसी का प्रतीक है।